बेल का पेड़ इतना फायदेमन्द होता है की आप इसकी कल्पना भी नही कर सकते है। बेल के पेड़ के जड़ से लेकर पत्ते और छाल तक बहुत महत्वपूर्ण होते है।
➥ यह पेड़ रतौंधी के रोगियों के लिए बहुत उपयोगी होती है। रतौंधी के उपचार के लिए बेल के 10 ग्राम ताजे पत्ते 7 काली मिर्च और 100 मिली पानी में मिलाकर इसे छान लें। फिर इसमें 25 ग्राम मिश्री मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें। ऐसा करने से रतौंधी में बहुत आराम मिलेगा।
➥ यह दिल के दर्द से राहत दिलाने में भी मदद दिलाता है। दिल के दर्द से राहत पाने के लिए एक ग्राम बेल के पत्ते के रस में पांच ग्राम शुद्ध घी मिला ले। इसके बाद इस रस में शहद मिलाकर खा लें। ऐसा करनें से दिल के दर्द में काफी ज्यादा आराम मिलेगा।
➥ यह पेचिश की समस्या से भी राहत दिलाने में सहायक होता है। पेचिश की समस्या से राहत पाने के लिए 10 से 20 ग्राम कच्चे बेल को आग में सेंकने के बाद इस गूदें में चीनी या शहद मिलाकर खाएं। खूनी दस्त से राहत पाने के लिए बेल के रस में गुड़ मिलाकर खाएं।
➥ बेल का पेड मधुमेह के रोगियों के लिए भी बहुत उपयोगी होता है। मधुमेह के मरीज रोजाना बेल के पत्ते का 10 मिलीलीटर रस पीएं। ऐसा करने से शुगर को नियंत्रण रखनें में मदद मिलेगी। यदि बेल के पत्तो के 100 मिलीलीटर रस में शहद का रस मिलाकर सेवन किया जाएं तो इससे मधुमेह पूरी तरह से खत्म हो सकता है।
➥ यह पीलिया के रोग से छुटकारा दिलाने में भी सहायक है। पीलिया के रोग से राहत पाने के लिए बेल के पत्तो का रस निकालकर इसमें काली मिर्च का चूर्ण डाल दे। फिल इसें मिलाकर पीएं। ऐसा करनें से पीलिया रोग में बहुत आराम मिलेगा।
➥ बेल की जड़ फोड़े और फुंसी के लिए बहुत उपयोगी होती है। बेल की जड़ या फिर इसकी लकड़ी को पीसकर यदि फोड़े-फुंसी पर लगाया जाये तो इससे बहुत आराम मिलेगा।
➥ यह मलेरिया के रोगियों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। मलेरिया से राहत पाने के लिए बेल के पत्तो से 7 मिलीलीटर रस निकालनें के बाद इसका सुबह-शाम सेवन करें।
➥ यह खांसी से राहत दिलाने मे भी सहायक होता है। खांसी से राहत पाने के लिए बेल के पत्तो से एक चम्मच रस निकालकर इसमें शहद मिला लें और फिर इसका कुछ दिनों तक सेवन करें।