अगर किसी पक्षी कि चोंच टुट जाये तो वह भुखा मर जायेगा क्योंकि बिना चोंच के वह सही से कुछ भी नही खा सकता है लेकिन बाज (Eagle) एक ऐसा पक्षी है जो जान-बुझ कर अपनी चोंच तोड़ता है। अब सवाल यह आता है कि जब चोंच टुटने पर वह भुखा मर सकता है तो वह चोंच क्यों तोड़ता है-
बाज (Eagle) 320 किमी/घण्टे कि चाल से उड़ सकता है और यह अपनी पैनी चोंच से बड़े-बड़े शिकार कर सकता है लेकिन जब एक बाज कि उम्र 30-40 के लगभग हो जाती है तो इसके पंख भारी हो चुके होते है और चोंच कि sharpness कम हो चुकी होती है इसीलिए यह न तो ढंग से उड़ पाता है और न हि शिकार कर पाता है, जिसकी वजह से बाज के भुखे मरने कि नोबत आ जाती है तब वह एक ऊंची चट्टान पर चला जाता है और एक पत्थर में आपनी चोंच मार-मार कर अपनी चोंच को तोड़ देता है। 3-4 महीने के बाद इसकी नई चोंच आ जाती है और उस नई चोंच कि मदद से यह अपने पुराने पंखो को ऊखाड कर फैंक देता है तब 2-3 महिनो में इसके नये पंख आ जाते है। 6-7 महिने कि इस कठिन प्रक्रिया के बाद यह बाज आसमान पर फिर से राज करने के लिए तैयार होता है।